समाज और राष्ट्र के निर्माण में महिलाओं के योगदान का उत्सव
नई दिल्ली:- स्वामिनारायण अक्षरधाम में 'ओजस्विनी' कार्यक्रम में महिला-सशक्तिकरण का विराट उत्सव मनाया गया। अक्षरधाम के महिला विभाग द्वारा आयोजित यह प्रेरणादायक कार्यक्रम बालिकाओं, युवतियों और महिलाओं को अपनी आंतरिक शक्ति खोजने और उसे संवारने के लिए प्रेरित करने हुए जीवन में आध्यात्मिक ऊँचाई के साथ प्रतिभा विकास प्राप्त करने का अद्भुत पर्व बना । इस अवसर पर हजारों महिलाओं ने भाग लिया । भक्तिपूर्ण मंगलाचरण के साथ पारंपरिक दीप प्रज्वलन समारोह से हुई, जिसमें मुख्य अतिथि श्रीमती मीनाक्षी लेखी (पूर्व विदेश राज्य मंत्री, भारत), न्यायमूर्ति अभिलाषा कुमारी (पूर्व न्यायिक सदस्य, लोकपाल), डॉ. बुलबुल सूद (वरिष्ठ सलाहकार, RMNCHA, पूर्व कंट्री डायरेक्टर, Jhpiego, CEDPA और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में सामुदायिक चिकित्सा की प्रोफेसर), डॉ. सविता पुरी (Delhi Medical Association), और डॉ. सुषमा चावला (संस्थापक अध्यक्ष, NGO- Hope ‘एक आशा’) उपस्थित थीं। अतिथियों का स्वागत पारंपरिक फूलों की मालाओं के साथ किया गया।
इसके बाद, BAPS स्वामिनारायण संस्था और वर्तमान आध्यात्मिक गुरु ब्रह्मस्वरूप महंतस्वामी महाराज का संक्षिप्त परिचय दिया गया। तीन घंटे के इस शानदार कार्यक्रम में संकल्प, शक्ति, और सशक्तिकरण के विषय को संवाद, प्रेरणादायक चलचित्र प्रस्तुतियों, आकर्षक सांस्कृतिक नृत्यों और दिव्य संगीतमय प्रस्तुतियों के माध्यम से जीवंत किया गया। कार्यक्रम ने समाज में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए यह संदेश दिया कि महिलाओं को पहचानना और सशक्त करना न केवल एक नैतिक जिम्मेदारी है, बल्कि एक समरस समाज की आधारशिला भी है।
BAPS संस्था में महिलाएं विभिन्न गतिविधियों और आयोजनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, चाहे वह बड़े पैमाने पर उत्सव आयोजित करना हो, विभिन्न सेवा विभागों में योगदान देना हो, या संस्कार, सेवा, और संस्कृति के माध्यम से समुदायों को प्रेरित करना हो। उनकी शक्ति संस्था की नींव का मजबूत आधार है।
अक्षरधाम में महिला विभाग की संयोजिका श्रीमती हिमानी मेहता ने कहा, “अक्षरधाम मंदिर का यह द्विदशाब्दी वर्ष चल रहा है। इस अवसर पर आयोजित यह कार्यक्रम महिला विभाग की स्वयंसेविकाओं के सुचारु समन्वय और सहयोग के कारण ही संभव हो सका है। उन्होंने केवल एक उद्देश्य से काम किया – भगवान और गुरु महंतस्वामी महाराज को प्रसन्न करना।” BAPS संस्था में महिलाओं के सशक्तिकरण के सिद्धांतों की जड़ें अति प्राचीन हैं। भगवान स्वामिनारायण ने स्वयं ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में महिलाओं की शिक्षा और साक्षरता को प्रोत्साहित किया था। उन्होंने महिलाओं को अध्ययन-अध्यापन, संपत्ति, कृषि, और पारिवारिक व्यवसाय संभालने और आत्मविश्वास से अपने विचार व्यक्त करने का अवसर दिया था। अंत में, बालिका मंडल (बालिका एवं युवती विभाग) द्वारा एक विशेष बैले प्रदर्शन प्रस्तुत किया गया, जो एकता और सुंदरता का प्रतीक था। कार्यक्रम का समापन महिला स्वयंसेविकाओं को उनके समर्पण के लिए धन्यवाद-आभार व्यक्त करते हुए हुआ, जिसने इस उत्सव को और भी समृद्ध बना दिया।