बंगाल चुनाव में हिंसा मामले पर CBI को फटकार:सुप्रीम कोर्ट बोला- जांच एजेंसी ऐसे बोल रही, जैसे बंगाल की अदालतों में दुश्मनी का माहौल है

पश्चिम बंगाल में 2021 विधानसभा चुनाव के दौरान हुई हिंसा के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को CBI की याचिका खारिज कर दी और उसे फटकार भी लगाई। दरअसल, इस हिंसा की जांच CBI कर रही है। उसने दिसंबर 2023 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर मामलों की सुनवाई राज्य के बाहर करवाने की मांग की थी। CBI ने याचिका में कहा था कि पश्चिम बंगाल की अदालतों में शत्रुतापूर्ण माहौल है। गवाहों को डराया-धमकाया जा रहा है। इस पर जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस पंकज मित्तल की बेंच ने शुक्रवार को सुनवाई की। कोर्ट ने CBI के वकील ASG एसवी राजू से कहा, 'आप पश्चिम बंगाल में पूरी न्यायपालिका पर सवाल खड़ा नहीं कर सकते। इसका आधार क्या है? आप ऐसा दिखा रहे हैं, जैसे पूरे पश्चिम बंगाल में शत्रुतापूर्ण माहौल है।' बेंच ने कहा, 'CBI के ऑफिसर न्यायिक अधिकारी या किसी विशेष राज्य को पसंद नहीं कर सकते हैं, लेकिन यह न कहें कि पूरी न्यायपालिका काम नहीं कर रही है। आपके आरोपों पर राज्य के डिस्ट्रिक्ट जज, सिविल जज और सेशन जज यहां आकर अपना बचाव नहीं कर सकते।' कोर्ट के सख्त रवैये के बाद ASG एसी राजू ने याचिका में लगाए गए आरोपों का बचाव किया। राजू ने बेंच से कहा- मेरा इरादा आरोप लगाने का नहीं है, यह ढीले-ढाले मसौदे का मामला है। इसके बाद उन्होंने केस ट्रांसफर करने की याचिका वापस ले ली। चुनाव नतीजे आने के बाद शुरू हुई हिंसा पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस की सरकार बनी। जिसके बाद राज्य में हिंसा के कई वीडियो सामने आए। रेप और मर्डर से जुड़े मामलों की शिकायत पुलिस स्टेशन में दर्ज नहीं होने पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने राज्य पुलिस की आलोचना की थी। कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीबीआई को स्पेशल पुलिस टीम की मदद से रेप, मर्डर जैसे अन्य अपराधों की जांच करने का आदेश दिया था।

बंगाल चुनाव में हिंसा मामले पर CBI को फटकार:सुप्रीम कोर्ट बोला- जांच एजेंसी ऐसे बोल रही, जैसे बंगाल की अदालतों में दुश्मनी का माहौल है
पश्चिम बंगाल में 2021 विधानसभा चुनाव के दौरान हुई हिंसा के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को CBI की याचिका खारिज कर दी और उसे फटकार भी लगाई। दरअसल, इस हिंसा की जांच CBI कर रही है। उसने दिसंबर 2023 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर मामलों की सुनवाई राज्य के बाहर करवाने की मांग की थी। CBI ने याचिका में कहा था कि पश्चिम बंगाल की अदालतों में शत्रुतापूर्ण माहौल है। गवाहों को डराया-धमकाया जा रहा है। इस पर जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस पंकज मित्तल की बेंच ने शुक्रवार को सुनवाई की। कोर्ट ने CBI के वकील ASG एसवी राजू से कहा, 'आप पश्चिम बंगाल में पूरी न्यायपालिका पर सवाल खड़ा नहीं कर सकते। इसका आधार क्या है? आप ऐसा दिखा रहे हैं, जैसे पूरे पश्चिम बंगाल में शत्रुतापूर्ण माहौल है।' बेंच ने कहा, 'CBI के ऑफिसर न्यायिक अधिकारी या किसी विशेष राज्य को पसंद नहीं कर सकते हैं, लेकिन यह न कहें कि पूरी न्यायपालिका काम नहीं कर रही है। आपके आरोपों पर राज्य के डिस्ट्रिक्ट जज, सिविल जज और सेशन जज यहां आकर अपना बचाव नहीं कर सकते।' कोर्ट के सख्त रवैये के बाद ASG एसी राजू ने याचिका में लगाए गए आरोपों का बचाव किया। राजू ने बेंच से कहा- मेरा इरादा आरोप लगाने का नहीं है, यह ढीले-ढाले मसौदे का मामला है। इसके बाद उन्होंने केस ट्रांसफर करने की याचिका वापस ले ली। चुनाव नतीजे आने के बाद शुरू हुई हिंसा पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस की सरकार बनी। जिसके बाद राज्य में हिंसा के कई वीडियो सामने आए। रेप और मर्डर से जुड़े मामलों की शिकायत पुलिस स्टेशन में दर्ज नहीं होने पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने राज्य पुलिस की आलोचना की थी। कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीबीआई को स्पेशल पुलिस टीम की मदद से रेप, मर्डर जैसे अन्य अपराधों की जांच करने का आदेश दिया था।